जैव प्रौद्योगिकी के सिद्धांत एवं प्रक्रियाएं
जैव प्रौद्योगिकी के सिद्धांत एवं प्रक्रियाएं
जैव प्रौद्योगिकी के सिद्धांत एवं प्रक्रियाएं
बहुविकल्पीय प्रश्न :-
प्रश्न 1. डी ० एन ० ए ० खण्डों की पहचान करते हैं –
( क ) नॉर्दर्न ब्लोटिंग से
( ख ) सदर्न ब्लोटिंग से
( ग ) वेस्टर्न ब्लोटिंग से
( घ ) इन सभी से
प्रश्न 2. जन्तु कोशिकाओं में क्लोनिंग के लिए उपयुक्त संवाहक है –
( क ) SV40
( ख ) PBR 327
( ग ) PUC
( घ ) PBR 322
प्रश्न 3. जीनी अभियान्त्रिकी की नींव किस एंजाइम की खोज में पड़ी ?
( क ) प्रतिबंधन अन्त : न्यूक्लिएज
( ख ) डी ० एन ० ए ० लाइगेज
( ग ) डी ० एन ० ए ० गाइरेज
( घ ) डी ० एन ० ए ० पॉलीमरेज
प्रश्न 4. प्रतिबन्धन एण्डोन्यूक्लिएज का उपयोग आनुवंशिक इंजीनियरिंग में निम्नलिखित में से किस अणु को बनाने में किया जाता है ?
( क ) DNA के पुनर्योजन अणु
( ख ) RNA के पुनयोंजन अणु
( ग ) DNA व RNA दोनों के पुनर्योजन अणु
( घ ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
प्रश्न 5. कौन – सा एन्जाइम डी ० एन ० ए ० खण्डों को जोड़ने का काम करता है।
( क ) लाइगेज
( ख ) एन्डो – न्यूक्लिएज
( ग ) एक्सो – न्यूक्लिएज
( घ ) काइटिनेज
प्रश्न 6 . कौन – सा एन्जाइम डी ० एन ० ए ० को विशिष्ट जगह पर काटने के लिए जाना जाता है ?
( क ) एक्सो – न्यूक्लिएज
( ख ) एन्डो – न्यूक्लिएज
( ग ) पॉलिमरेज
( घ ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
प्रश्न 7. जेनेटिक इंजीनियरिंग का उपयोग होता है
( क ) कृषि क्षेत्र में
( ख ) चिकित्सा में
( ग ) वैक्सीन निर्माण में
( घ ) इनमें से सभी
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अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.आनुवंशिकी अभियांत्रिकी में उपयोगी किन्हीं दो एन्जाइमों के नाम तथा कार्य लिखिए ।
उत्तर – 1. प्रतिबंधन एण्डोन्यूक्लिएज एंजाइम ( Restriction | Endonuclease Enzyme ) – यह DNA के भीतर विशिष्ट स्थलों पर हो । DNA को काटता है ।
2. DNA लाइगेजिज ( DNA Ligases ) – यह एंजाइम DNA के खुले सिरों को जोड़ता है ।
प्रश्न 2 . आण्विक कैंचियाँ क्या हैं ? इसकी परिभाषा दीजिए
उत्तर – प्रतिबन्धन एण्डोन्यूक्लिएज एन्जाइम को आण्विक कैंची कहते पड़ी ? हैं । यह DNA को खंडों में काटता है ।
प्रश्न 3. DNA के खंडों को आपस में किस एन्जाइम से जोड़ा जाता है ?
उत्तर- लाइगेज ।
प्रश्न 4 . किसी एक क्लोनिंग संवाहक का नाम लिखिए जिसमें बिना गुणसूत्रीय नियंत्रण के स्वतंत्र रूप से जीवाणु कोशाओं के अन्दर प्रतिकृति करने की क्षमता होती है ।
उत्तर- यीस्ट क्लोनिंग संवाहक ।
प्रश्न 5. जैव प्रौद्योगिकी में क्लोनिंग संवाहकों का क्या महत्त्व है ?
उत्तर- जैव प्रौद्योगिकी में क्लोनिंग संवाहकों का बहुत महत्त्व है ; क्योंकि इनका प्रयोग DNA के अणुओं को लाकर मूल DNA में प्रतिस्थापित करने के लिए किया जाता है । ये DNA विजातीय DNA कहलाते हैं । क्लोनिंग संवाहक अनेक प्रकार के होते हैं , जैसे — प्लाज्मिड , वाहक जीवाणुभोजी , कॉस्मिड , फास्मिड आदि ।
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लघु लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. क्या सुकेंद्रकी कोशिकाओं में प्रतिबंधन एंडोन्यूक्लिएज मिलते हैं ? अपना उत्तर सही सिद्ध कीजिए ।
उत्तर- हाँ , सुकेंद्रकी कोशिकाओं में प्रतिबंधन एंडोन्यूक्लिएज मिलते हैं । प्रतिबंधन एंडोन्यूक्लिएज DNA अनुक्रम की लम्बाई के ‘ निरीक्षण ‘ के बाद कार्य करता है । जब यह अपना विशिष्ट पहचान अनुक्रम पा जाता है तब DNA से जुड़ता है तथा द्विकुंडलिनी की दोनों लड़ियों को शर्करा – फॉस्फेट आधार स्तंभों में विशिष्ट केन्द्रों पर काटता है । प्रत्येक प्रतिबंधन एंडोन्यूक्लिएज DNA में विशिष्ट पैलिंड्रोमिक न्यूक्लियोटाइड अनुक्रमों को पहचानता है ।
प्रश्न 2. निम्नलिखित का संक्षिप्त वर्णन कीजिए
( क ) प्रतिकृतियन का उद्भव
( ख ) बायोरिएक्टर
( ग ) अनुप्रवाह संसाधन
उत्तर- ( क ) प्रतिकृतियन का उद्भव – यह वह अनुक्रम है जहाँ से प्रतिकृतियन की शुरुआत होती है । जब बाहरी DNA का कोई खंड इस अनुक्रम से जुड़ जाता है तब प्रतिकृति कर सकता है । एक प्रोकैरियोटिक DNA में सामान्यतया एक प्रतिकृतियन स्थल होता है जबकि यूकैरियोटिक DNA में एक से अधिक प्रतिकृतियन स्थल होते हैं ।
( ख ) बायोरिएक्टर – बायोरिएक्टर एक बर्तन के समान है , जिसमें सूक्ष्मजीवों , पौधों , जन्तुओं एवं मानव कोशिकाओं का उपयोग करते हुए कच्चे माल को जैव रूप से विशिष्ट उत्पादों व्यष्टि एंजाइम आदि में परिवर्तित किया जाता है । वांछित उत्पाद पाने के लिये जीव प्रतिकारक अनुकूलतम परिस्थितियाँ , जैसे- तापमान , pH , क्रियाधार , विटामिन , लवण , ऑक्सीजन आदि उपलब्ध कराता है । सामान्यतया सर्वाधिक उपयोग में लाया जाने वाला बायोरिएक्टर विडोलन ( स्टिरिंग ) प्रकार का है । विडोलित हौज रिएक्टर सामान्यतया बेलनाकार होते हैं या इसमें घुमावदार आधार होता है जिससे रिएक्टर के अंदर की सामग्री को मिश्रण में सहायता मिलती है । विडोलक प्रतिकारक के अंदर की सामग्री को मिश्रित करने के साथ – साथ प्रतिकारक में सभी जगह ऑक्सीजन की उपलब्धता भी कराते हैं । प्रत्येक जीव – प्रतिकारक रिएक्टर में एक प्रक्षोभक यन्त्र होता है । इसके अतिरिक्त उसमें ऑक्सीजन – प्रदाय यंत्र , झाग नियन्त्रण यन्त्र , तापक्रम नियन्त्रण यन्त्र , pH नियंत्रक होता है । इसमें से समय – समय पर संवर्धित उत्पाद की थोड़ी मात्रा निकाली जा सकती है ।
( ग ) अनुप्रवाह संसाधन- जैव प्रौद्योगिकी द्वारा तैयार उत्पाद को बाजार में भेजने से पूर्व उसे कई प्रक्रमों से गुजारा जाता है। इन प्रक्रमों में पृथक्करण एवं शोधन सम्मिलित है और इसे सामूहिक रूप से अनुप्रवाह संसाधन कहते हैं । उत्पाद को उचित परिरक्षक के साथ संरूपित किया जाता है । औषधि के मामले में ऐसे संरूपण को चिकित्सीय परीक्षण से गुजारते हैं। प्रत्येक उत्पाद के लिये सुनिश्चित गुणवत्ता नियन्त्रण परीक्षण की भी आवश्यकता होती है अनु प्रवाह संसाधन एवं गुणवत्ता नियंत्रक परीक्षण अलग-अलग उत्पाद के लिए भिन्न भिन्न होता है।
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