परिवार नियोजन
परिवार नियोजन पर निबंध
परिवार नियोजन पर निबंध
प्रस्तावना – भारतवर्ष की जनसंख्या अधिक तीव्र गति से बढ़ती जा रही है, इसलिए जनसंख्या की समस्या बहुत ही गंभीर तथा जटिल बन गई है।राष्ट्रीय प्रगति के महत्वपूर्ण कार्य में यह समस्या गंभीर बाधक के रूप में उपस्थित हो गयी है। देश के लगभग 70,000 बच्चे प्रतिदिन पैदा होते हैं। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या 1.21 अरब है। वर्ष 2001 की जनगणना के पश्चात जनसंख्या में 181 करोड़ की वृद्धि हुई है।
परिवार नियोजन की आवश्यकता – जनसंख्या समस्या की गंभीरता को देखकर संपूर्ण देश में परिवार नियोजन की अधिक आवश्यकता है। देश के समस्त कार्यक्रम तथा योजनाएं जनसंख्या की समस्या के परिणामस्वरूप अधूरे ही रह जाते हैं।
परिवार नियोजन की प्रगति – अभी तक परिवार नियोजन का कार्यक्रम देश में वहां बिल्कुल भी नहीं पहुंचा है, जहां देश की जनसंख्या का अधिकतम भाग निवास करता है। वहां पर निर्धनता, अशिक्षा व सामाजिक बुराइयों के परिणामस्वरूप जनसंख्या प्रसार बहुत अधिक है। हमारे छोटे नगरों तथा बड़े शहरों में भी परिवार नियोजन का कार्यक्रम पूर्ण एवं पर्याप्त रूप से सफल सिद्ध नहीं हुआ है।
कुछ सुझाव – सर्वप्रथम, लड़के, लड़कियां दोनों की पढ़ाई समाप्त होने पर यह शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए कि उन्हे अपने विवाह के बाद केवल एक बच्चा उत्पन्न करने हेतु ‘निरोध’ तथा ‘गर्भनिरोध’ उपायों का उपयोग आवश्यक रूप से करते रहे। दूसरा , दो बच्चे उत्पन्न होने के बाद, स्त्री तथा पुरुष , दोनों को ही शल्य चिकित्सा हेतु प्रेरित किया जाना चाहिए। अंत में निर्धनता, अशिक्षा तथा रूढ़िवादीता की सामाजिक बुराइयों को ग्रामीण क्षेत्र से पूर्ण रूप से समाप्त कर दिया जाना चाहिए। वहां पर कहीं अधिक जागृति तथा शिक्षा की आवश्यकता है। ग्रामीण के मस्तिष्क तथा दृष्टिकोण में क्रांतिकारी परिवर्तनों की आवश्यकता है।
उपसंहार – हमारी सरकार का भी यह परम कर्तव्य है कि वह परिवार नियोजन के कार्यक्रम को ग्रामीण क्षेत्र तक सफलतापूर्वक तथा प्रभावपूर्ण ढंग से आगे बढ़ाएं। इसके लिए सिनेमा एवं दूरदर्शन द्वारा प्रचार तथा प्रभावपूर्ण प्रोत्साहन कहीं अधिक आवश्यक है। समाज- सुधारको को भी इस पावन कार्य में अपना भरपूर सहयोग देना चाहिए। जनसंख्या-नियंत्रण के बिना हम भारत के सच्चे विकास की कल्पना तक नहीं कर सकते हैं।