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महात्मा गांधी

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Written by Priya Patel

March 23, 2021

महात्मा गांधी

महात्मा गांधी

महात्मा गांधी पर निबंध

प्रस्तावना – महात्मा गांधी आज अपने उस अहिंसा के हथियार के लिए विख्यात है, जिसकी सहायता से उन्होंने शक्तिशाली ब्रिटिश साम्राज्य का अंत करके अपने देश के लिए स्वतंत्रता प्राप्त की थी। आज हम उनको न केवल राष्ट्रपिता के रूप में ही याद करते हैं, अपितु सम्पूर्ण संसार के शांति दूत के रूप में भी स्मरण करते हैं।

उनके माता-पिता– उनका जन्म गुजरात प्रांत में राजकोट जिले के प्रबंधक नामक स्थान पर 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था। उनके पिता राज्यसेवा में दीवान के पद पर कार्यरत थे। उनकी माता अत्यधिक धार्मिक महिला थी।उनकी हार्दिक कामना यह थी कि उनका पुत्र, सादा तथा धार्मिक विचारों वाले एक आदर्श बालक के रूप में बड़ा हो। यह उनकी माता की शिक्षाओं का प्रशिक्षण का ही परिणाम था कि वह एक सत्यवादी एवं आदर्श व्यक्ति के रूप में ही बड़े हुए। जब वह इंग्लैण्ड में थे वह कठोरता के साथ शाकाहारी बने रहे तथा उन्होंने वहां पर मांस नहीं खाया।

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उनकी शिक्षा – उन्होंने अपनी आरंभिक शिक्षा एक स्थानीय स्कूल में ही प्राप्त की। दसवीं कक्षा में उत्तीर्ण होते समय वह साधारण छात्र ही थे। वह शर्मीले स्वभाव के थे तथा घंटा बजने के बाद तुरंत सीधे घर लौट कर आ जाते थे। बी.ए. उत्तीर्ण होने के बाद कानून की शिक्षा प्राप्त करने हेतु व इंग्लैंड गए, वहां से वह वकील बन कर भारतवर्ष लौट आये। वकील के पेशे ने उन्हें कभी आकर्षित नहीं किया क्योंकि वह पूर्ण रुप से सत्यवादी थे। एक भारतीय के दक्षिण अफ्रीका में मुद्दे की पैरवी करने हेतु जाने ने उनके जीवन की धारा ही परिवर्तित कर दी थी। वहां पर दक्षिण अफ्रीका के काले लोगों के ऊपर किए जाने वाले अंग्रेजों की अपार अत्याचारों का वहां उन्होंने घोर विरोध किया।

उनका राजनैतिक जीवन – दक्षिणी अफ्रीका से भारत वर्ष लौटने पर उनका क्रियात्मक राजनीतिक जीवन आरंभ हुआ। उन्होंने भारतवर्ष की दासता को सहन नहीं किया, इसलिए भारत वर्ष में अंग्रेज शासकों के विरुद्ध सहयोग तथा सत्याग्रह आंदोलन आरंभ कर दिए। सन् 1930 ई. में ‘नमक कानून’ तोड़ने हेतु गांधी जी ने तथा उनके अनेक अनुयायियों ने ‘डांडी मार्च’ में भाग लिया, जिसने उन्हें देश में सर्वत्र जननेता के रूप में लोकप्रिय बना दिया। सन् 1942 ई. का ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन अंग्रेज शासकों को भारतवर्ष से चले जाने हेतु सबसे बड़ी अहिंसात्मक ललकार एवं चुनौती थी। इस प्रकार के आंदोलनों में भाग लेने के परिणामस्वरूप गांधी जी को अनेक बार जेल में डाला गया था। अंत में 15 अगस्त, सन् 1947 के पावन दिन गांधी जी के सुयोग्य पथ-प्रदर्शन एवं नेतृत्व में भारतवर्ष ने अपनी आजादी प्राप्त की। भारतवर्ष में अंग्रेजी शक्तिशाली साम्राज्य के विरुद्ध उन्होंने ‘अहिंसा’ के अचूक तथा सफल हथियार का प्रयोग किया। दुर्भाग्य से 30 जनवरी, सन् 1948 ई. को एक भारतवासी द्वारा ही उनकी हत्या कर दी गयी।

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उनके गुण – आज हम गांधी जी को उनके महान एवं अनुपम सद्गुणों के लिए स्मरण करते हैं। सत्य, सादगी तथा अहिंसा उनके महान गुण थे। अपनी माता के प्रशिक्षण के आधार पर उन्होंने जीवनभर सत्य बोलने के आर्दश का पालन किया। जो अन्य लोग उनके सम्पर्क में आए उन्होंने उनको भी सत्य बोलने की शिक्षा दी। उनका ‘अहिंसा’ का अनुपम हथियार भारतवर्ष में अंग्रेजी शक्तिशाली साम्राज्यवाद के विरूद्ध सफल तथा श्रेष्ठ सिद्ध हुआ। उनका जीवन इतना साधारण था कि वह अति आवश्यक तथा कम से कम कपड़े पहनते थे। वह बहुत ही साधारण भोजन करते थे तथा बकरी का दूध पीते थे। कभी-कभी वह उपवास रखते थे। हिंदू-मुस्लिम एकता हेतु उन्होंने शारीरिक कष्ट एवं संयम भी सहन किया। इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु उन्होंने अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।

उनकी महानता – भारत वर्ष के इतिहास में आज हम सर्वत्र गांधी जी को उनकी महानता के लिए स्मरण करते हैं। भारतवर्ष के स्वतंत्रता आंदोलन में उन्होंने सक्रिय भाग लिया। यह ऐतिहासिक तथ्य है कि महात्मा गांधी के अहिंसा के अद्वितीय गुण ने अंग्रेज शासकों को भारत छोड़ने तथा 15 अगस्त, सन् 1947 ई. को भारतवर्ष के लोगों को स्वतंत्रता प्रदान करने हेतु विवश कर दिया था। विश्व शांति के लिए भी उन्होंने अपार कार्य किया। उनकी महानता इस बात में है कि उन्होंने हिंदू–मुसलमानों की एकता के लिए भी अपार कार्य किए थे। इन कार्यों को महानता के साथ पूरा करने पर ही उनको राष्ट्रपिता की पदवी प्राप्त हुई थी।

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उपसंहार – आजकल संसार के देश तीसरे महायुद्ध की समस्या का सामना करने जा रहे हैं क्योंकि तीसरा महायुद्ध अत्यधिक विनाशकारी सिद्ध होगा। इस गंभीर अवस्था में गांधी जी का प्रेम तथा शांति का सन्देश ही विश्व शांति के स्थापन तथा संपूर्ण मानवजाति के वास्तविक कल्याण में अधिक सहायक एवं सहयोगी सिद्ध होगा।

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Hi, I’m Priya Patel, founder of Knowledgebeem. I help Class 8-12 students learn English, Science, and Math easily. I also share model papers, board exam guides, and tips for UP Police, SSC, Railway, and BHU. Teaching in simple way is my motto!

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